शनिवार, 6 अक्तूबर 2012



अपने पापा के अचानक स्वर्गवास के बाद ........

आहट हुई ना दस्तक ,पापा चले गए
इक देके प्रश्नवाचक , पापा  चले  गए

मन जानता है सच ये ,पर आस की निगाहे
ढूंढे  हैं  उनको  अब  तक  ,पापा  चले  गए

सब कुछ तो जस का तस है ,हम ही बदल गए
लगता  है  सब  निरर्थक  ,पापा  चले  गए

होता नहीं यकीं वो, आयेंगे ना कभी अब
सहलायेंगे ना  मस्तक  ,पापा  चले  गये

जीवन मिला है उनसे ,जीना उन्ही से सीखा
देके  सदा  की  दौलत ,  पापा   चले   गए