बुधवार, 2 जनवरी 2013

थोड़ा सुख थोडा दुःख देके ,गया साल तो चला गया
आओ कदम बड़ा कर देखें ,लाया क्या है साल नया

दिन पर रात ,रात पर दिन का पहरा है ,ये सब जाने
काली कितनी रात हो ,सूरज निकलेगा ,वो कब माने

रहे  उम्मीदें बाकी ,मन  में  रहे  सदा  विश्वास  यही
 अच्छा सोचो अच्छा होगा, जीवन हर दिन  "आस नयी"

आओ अब बाहें फैला के नए साल का स्वागत कर लें
आने वाले इस मेहमां  को, ख़ुशी से अपने माथे- सर लें

नए साल की अनेक शुभकामनाएं .......

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