रौशनी के समंदर में नहाने वालो ,
तुम्हारे घर के कोने कितने अँधेरे हैं
हो सके तो घर लौटते वक़्त
ले जाना
रौशनी की कुछ बूँदें
और डाल देना घर के
कोने कोने में
जो घर को प्रकाशित कर सके
जिस से घर का तिमिर मर सके
या खोल देना
धीरे से
सूरज की तरफ खुलने वाली
एक खिड़की
ताकि बाहर का उजाला
घर में भर सके
बहुत ही कोमल भावनाओं में रची-बसी खूबसूरत रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता बधाई अर्चना जी
जवाब देंहटाएंअर्चना जी प्रणाम !
जवाब देंहटाएंघर को रोशन करता है प्रेम, और परिवार....
इस भागम भाग में किसे वक्त है प्रेम के लिए....अपनों के लिए ....