सोमवार, 2 सितंबर 2013

इश्क,मोहब्बत ,प्यार की बातें
लगती  हैं बेकार की बातें

नहीं कभी कर्तव्य निभाया
करते हैं  अधिकार की बातें

बच्चों की तुतली  बातों में
 मिलती हैं  आचार की बातें

भूल के कुछ पल सब  चिंताएं
चलो करे अभिसार की बातें

तेरा मेरा इसका उसका
माया हैं,संसार की बातें

 हर नारी के मन को अच्छी
 लगती हैं सिंगार की बातें

नीति,शिष्टता,मूल्य,आचरण
अब ये सोच विचार की बातें

 सब कुछ इस तट पर  छूटेगा
 सोचो अब उस पार की बातें







रविवार, 1 सितंबर 2013

दिल कहीं लगता नहीं है इन दिनों
दिन कभी ढलता नहीं है इन  दिनों

यूँ तो सारी ज़िन्दगी कट जायेगी
पल कोई कटता  नहीं है इन दिनों

आईना तो  देख ती हूँ रोज़ ही
अक्स वो दिखता नहीं है इन दिनों

बंद  हैं  यादों के गलियारे  सभी
शख्स  वो मिलता नहीं है इन दिनों

रात  दिन ये  सोच कर   हैरान   हूँ
कुछ भी क्यों खलता नहीं है इन दिनों

ज़िन्दगी है या की जैसे एक ख़ुमारी  देखिये
जीतनी हो जंग जैसे ये तैयारी  देखिये

 साथ ना जायेगा ,रुपया,न ही धेला ,न ये तन
जोड़ते ही जा रहे हैं  उम्र सारी  देखिये

जो भी आये राह में उसको कुचलता जाए है
ये जुनूं  और उसपे उसकी शहसवारी देखिये

यूँ तो दुनिया में सभी है चैन ,राहत और सुकूं
पर सवाली है ये दिल ,किस्मत हमारी देखिये

अब कोई कहता न दिल की और न सुनता कोई
अब तो बस व्यापार है या दुनियादारी देखिये