सोचो ,समझो,परखो,जानो
सच को यूँही सच मत मानो
जीने के अंदाज़ बहुत हैं
जीने का फन तो पहचानो
मैं तो खुद हूँ एक कहानी
मुझसे मत उलझो अफसानो
इस पर ,उस पर सब पर नज़रें
खुद को भी देखो नादानों
सब के बन कर मुझ तक आते
दूर रहो मुझसे एहसानों
क्या कहने, बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंआपको पढना वाकई सुखद अनुभव है।
shukriya sanjayjii.....
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