दिल कहीं लगता नहीं है इन दिनों
दिन कभी ढलता नहीं है इन दिनों
यूँ तो सारी ज़िन्दगी कट जायेगी
पल कोई कटता नहीं है इन दिनों
आईना तो देख ती हूँ रोज़ ही
अक्स वो दिखता नहीं है इन दिनों
बंद हैं यादों के गलियारे सभी
शख्स वो मिलता नहीं है इन दिनों
रात दिन ये सोच कर हैरान हूँ
कुछ भी क्यों खलता नहीं है इन दिनों
दिन कभी ढलता नहीं है इन दिनों
यूँ तो सारी ज़िन्दगी कट जायेगी
पल कोई कटता नहीं है इन दिनों
आईना तो देख ती हूँ रोज़ ही
अक्स वो दिखता नहीं है इन दिनों
बंद हैं यादों के गलियारे सभी
शख्स वो मिलता नहीं है इन दिनों
रात दिन ये सोच कर हैरान हूँ
कुछ भी क्यों खलता नहीं है इन दिनों
बंद हैं यादों के गलियारे सभी
जवाब देंहटाएंशख्स वो मिलता नहीं है कुछ दिनों से ..
यादों पे किसी का बस नहीं होता ... दरवाजे खोलिए ओर मिल लीजिए ...
धन्यवाद दिगम्बर नासवा जी।
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