राधा की निष्ठा कान्हा के प्रति
मेरी अपनी निष्ठा है ,उनका अपना वादा है
मेरा है सर्वस्व समर्पित ,उनका आधा आधा है
मेरी यादें हैं सिंदूरी , उनके सतरंगी सपने
मेरे तो बस एक वही हैं ,उनके सारे हैं अपने
उन पर जीवन वारूँगी बस अपना यही इरादा है
मेरा है सर्वस्व समर्पित उनका आधा आधा है
मंदिर कि घंटी को सुन के, ध्यान करूंगी उनका ही
गाऊँ चाहे गीत कोई भी, होगा उनकी धुन का ही
तन उनका चाहे चंचल हो मन तो सीधा सादा है
मेरा है सर्वस्व समर्पित ,उनका आधा आधा है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें